किसी अफ़वाह के फैलने की देर बस होगी कि फलां पेट्रोल पम्प पर सूअर की चरबी का या फलां किसी दूसरे पेट्रोल पम्प पर गाय की चरबी का बना ईंघन बिक रहा है.
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लार्ड रॉबर्ट्सन, जो क्रान्ति के समय मौजूद थे, ने लिखा है, “फोरेस्ट ने भारत सरकार के कागजों की हाल में जाँच की है, उस जांच से सिद्ध होता है कि कारतूसों के तैयार करने में जिस चिकने मसाले का उपयोग किया गया था, वह वास्तव में दोनों पदार्थों अर्थात् गाय की चरबी और सूअर की चरबी को मिलाकर बनाया जाता था और इन कारतूसों के बनाने में सिपाहियों के धार्मिक भावों की ओर इतनी बेपरवाही दिखायी जाती थी कि जिसका विश्वास नहीं होता।”